छोटी काशी मंडी में वीरवार को हर वर्ग के लोगों ने सेरी मंच पर डीजे की धुनों पर खूब धमाल मचाया।
दोपहर बाद 2:30 बजे कृष्ण अवतार राज देवता माधोराय (माधव राय) की पालकी नगर की परिक्रमा के लिए निकाली गई।
पालकी को बाबा भूतनाथ मंदिर ले जाया गया।
इसके बाद विधिवत पूजन के बाद पालकी को माधोराय मंदिर में विराजमान किया गया।
इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पालकी पर गुलाल और रंग अर्पित कर आशीर्वाद लिया।
माधोराय मंदिर के पुजारी हर्ष शर्मा ने बताया कि मंडी की होली रियासतकाल से विशेष महत्व रखती है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
साहित्यकार एवं कवयित्री रूपेश्वरी शर्मा के अनुसार होली पर्व पर टोलियां पारंपरिक गीत गाते हुए घर-घर जाकर रंग लगाती हैं और शुभकामनाएं देती हैं।
रात्रि में होलिका दहन से पूर्व कांबल वृक्ष की टहनियों की पूजा की जाती है।
इसके बाद दहन कर घर-घर में भल्ले, बाबरू, कचौरी और झोल आदि पकवान बांटने की परंपरा निभाई जाती है।
छोटी काशी में पर्वों को ज्योतिषीय गणना के अनुसार मनाने की परंपरा रही है।
इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च सुबह 10:36 बजे से 14 मार्च दोपहर 12:25 बजे तक रहेगी। होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में किया जाएगा।