प्रयाग शुक्ल का जन्म 28 मई, 1940 को कलकत्ता, पश्चिम बंगाल में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा पुरखों के गाँव तिवारीपुर (ज़िला फ़तेहपुर, उत्तर प्रदेश) में हुई।
आगे कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक किया।
वह कवि, कथाकार और कला-समीक्षक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
एक अनुवादक के रूप में उन्होंने रवींद्रनाथ ठाकुर की ‘गीतांजलि’ का मूल बांग्ला से हिंदी अनुवाद किया है।
उन्होंने जीवनानंद दास और शंख घोष की प्रतिनिधि कविताओं, बंकिमचंद्र के प्रतिनिधि निबंध और ओक्ताविओ पाज की कविताओं का अनुवाद भी किया है।
कला समीक्षक और क्यूरेटर प्रयाग शुक्ला अपनी चल रही प्रदर्शनी के बारे में बता रहे हैं
जिसमें महामारी के दौरान बनाई गई कलाकृतियाँ और एक “कवि-चित्रकार” होने के नाते बनाई गई कलाकृतियाँ शामिल हैं.
गांधी जयंती के अवसर पर साहित्य अकादमी ने अपने नियमित कार्यक्रम साहित्य मंच में पर्यावरण और स्वच्छता पर एक परिचर्चा का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार प्रयाग शुक्ल, पंकज चतुर्वेदी, राजीव रंजन गिरी, पंजाबी लेखक जसविंदर कौर बिंद्रा, संस्कृत विद्वान अजय कुमार मिश्रा और उर्दू लेखक अनवर पाशा ने शिरकत की.
साहित्य अकादमी द्वारा पर्यावरण और साहित्य विषयक ‘साहित्य मंच’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया.