back to top
Saturday, April 19, 2025
Homeदेशरवींद्रनाथ ठाकुर ने बंकिम चंद्र चटर्जी को अपना गुरु माना था. 

रवींद्रनाथ ठाकुर ने बंकिम चंद्र चटर्जी को अपना गुरु माना था. 

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय (Bankim Chandra Chattopadhyay), जिन्हें बंकिम चंद्र चटर्जी के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय बंगाली उपन्यासकार, कवि, निबंधकार और पत्रकार थे, जिन्होंने ‘वंदे मातरम’ गीत लिखा था.

यहाँ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं:

जन्म और मृत्यु:

उनका जन्म 27 जून, 1838 को हुआ था और 8 अप्रैल, 1894 को उनका निधन हो गया.

‘वंदे मातरम’ के रचयिता:

वे ‘वंदे मातरम’ गीत के रचयिता थे, जो भारत के राष्ट्रीय गीतों में से एक है.

साहित्यिक योगदान:

उन्होंने बंगाली साहित्य में गद्य को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आधुनिक बंगाली साहित्य के विकास में योगदान दिया.

प्रमुख रचनाएँ:

उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘आनंद मठ’, ‘दुर्गेशनंदिनी’, ‘मृणालिनी’, ‘राधारानी’, ‘कृष्नकांतेर दफ्तर’, ‘देबी चौधुरानी’ और ‘सीताराम’ शामिल हैं.

सरकारी सेवा:

वे सरकारी सेवा में भी रहे और कुछ समय तक डिप्टी मजिस्ट्रेट और बंगाल सरकार में सचिव के पद पर भी रहे.

राष्ट्रवादी विचार:

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय एक राष्ट्रवादी थे और उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया.

बंगदर्शन पत्रिका:

उन्होंने 1872 में मासिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ का भी प्रकाशन किया.

रवींद्रनाथ ठाकुर से संबंध:

रवींद्रनाथ ठाकुर ने बंकिम चंद्र चटर्जी को अपना गुरु माना था.

मृत्यु तिथि:

8 अप्रैल, 1894 को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का निधन हो गया.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments